• aayushfoundation@navnews.in
'UN का एक सदस्य आतंकी संगठनों का हितैषी', जयशंकर ने पहलगाम अटैक का जिक्र कर पाकिस्तान पर बोला हमला

'UN का एक सदस्य आतंकी संगठनों का हितैषी'

24-10-2025

नव न्यूज | नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की 80वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बहुपक्षवाद के सामने आने वाली चुनौतियों पर जोर दिया। उन्होंने आतंकवाद के प्रति संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया और मौजूदा वैश्विक संकटों के बीच ग्लोबल साउथ के बढ़ते संकट पर चिंता जताई।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपराधियों को जवाबदेह ठहराने में अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की बढ़ती विफलता की ओर इशारा करते हुए कहा कि आतंकवाद के प्रति संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया से ज्यादा कुछ उदाहरण संयुक्त राष्ट्र के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में ज्यादा नहीं बताते। जब सुरक्षा परिषद का एक वर्तमान सदस्य उसी संगठन का खुलेआम बचाव करता है जो पहलगाम जैसे बर्बर आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी लेता है, तो इससे बहुपक्षवाद की विश्वसनीयता पर क्या असर पड़ता है?"

पहलगाम हमले को लेकर की टिप्पणी

गौरतलब है कि एस जयशंकर की यह टिप्पणी 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर आई है, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक सहित 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी।

जिसके जवाब में, भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई की तड़के ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें सटीक हमलों के जरिए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा द्वारा संचालित आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया। भारत ने बाद में पाकिस्तान की बढ़ती आक्रामकता को भी सफलतापूर्वक विफल कर दिया और उसके हवाई ठिकानों को निष्क्रिय कर दिया।

आंतकवाद के पीड़ित अपराधियों के समान

उन्होंने आतंकवाद से निपटने में वैश्विक समुदाय की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर वैश्विक रणनीति के नाम पर आतंकवाद के पीड़ितों और अपराधियों को एक समान माना जाता है, तो दुनिया और कितनी निंदक हो सकती है? जब आतंकवादियों को प्रतिबंध प्रक्रिया से बचाया जाता है, तो इसमें शामिल लोगों की ईमानदारी का क्या मतलब है?

UN के विश्वसनीयता की परीक्षा

व्यापक वैश्विक चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता की परीक्षा न केवल सुरक्षा के मामलों में, बल्कि विकास के क्षेत्र में भी हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना केवल दिखावटी बात बनकर रह गई है, तो विकास और सामाजिक-आर्थिक प्रगति की स्थिति और भी गंभीर है।

Share This News On Social Media

Facebook Comments

Related News