Near Janipur Thana, Phulwari Sharif, Patna
परेशान यात्रियों को पाँच दिन बाद भी नहीं मिला सामान
इंडिगो संकट के कारण यात्रियों की परेशानी सामान (लगेज) नहीं मिलने की है। सबसे बड़ी समस्या सामान (लगेज) नहीं मिलने की है। कई यात्री ऐसे हैं, जो पाँच दिन बीत जाने के बाद भी अपने सामान का इंतजार कर रहे हैं। कुछ लोग घर पहुँच गए हैं, लेकिन सामान नहीं पहुँचा है। गुजरात के सूरत निवासी किरण और विभा गांधी तीन दिसंबर को वाराणसी से खजुराहो होते हुए आईजीआई एयरपोर्ट पहुँचे थे। यह उनकी उड़ान उसी दिन सूरत के लिए थी, लेकिन उड़ान रद्द हो गई। पाँच दिसंबर के लिए रीशेड्यूल किया गया। जब वे पाँच दिसंबर को एयरपोर्ट पहुँचे, तो पता चला कि इंडिगो के यात्रियों को टर्मिनल के भीतर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कस्टमर केयर से कई बार संपर्क करने के बाद आश्वासन दिया गया कि उनका सामान घर पर पहुँचा दिया जाएगा, लेकिन उड़ान कब मिलेगी, इसका कोई उत्तर नहीं मिला। किरण और विभा सूरत से तीर्थाटन के लिए निकले यात्रियों के उस जत्थे में शामिल हैं, जिसमें करीब 15 लोग और हैं। इनमें से किसी को भी अभी तक सामान नहीं मिला है। किरण ने सामान्य से तीन गुना अधिक किराया देकर अहमदाबाद के लिए बस का टिकट लिया। लेकिन, यहाँ भी लेटतल्पी ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। तय समय से तीन घंटे देर से बस आई। किसी तरह अहमदाबाद पहुँचने के बाद उन्होंने सूरत के लिए टैक्सी बुक की, लेकिन वह तय समय पर निकल गई। इस प्रकार उन्हें और नुकसान हुआ। अंततः वे रविवार सुबह साढ़े नौ बजे सूरत पहुँचे, लेकिन लगेज का कोई अता-पता नहीं था। उन्हें केवल लगेज की तस्वीरें वॉट्सएप पर भेजी गईं, जिसमें कुछ सामान गायब थे। किरण की पत्नी विभा ने बताया कि लगेज में उनकी जरूरी दवाइयाँ और काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद था, जो उन्होंने स्वजन के लिए खरीदा था। टर्मिनल के भीतर भी टूटा भरोसा: इंडिगो के प्रति भरोसा इस कदर टूट गया है कि यात्री चेकइन आखिरी समय में कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि यदि चेकइन करा लिया तो उड़ान रद्द हो गई तो लगेज फँस जाएगा। अकेले सफ़र कर रहे यात्रियों की कोशिश रहती है कि वे इतना कम लगेज अपने साथ लेकर चलें कि लगेज ओवरहेड केबिन में जमा करना पड़े।
