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36 वर्ष पुराने रुबिया सईद अपहरण मामले में जेकेएलएफ का पूर्व कमांडर गिरफ्तार
36 वर्ष पूर्व आठ दिसंबर, 1989 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रुबिया सईद के हुए अपहरण के मामले में एक आरोपित शफात अहमद शंग्लू को सोमवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। शंग्लू 1989-90 तक आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के चर्चित कमांडरों में एक था। रुबिया सईद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बहन हैं।
सूत्रों के अनुसार, रुबिया सईद ने जुलाई 2022 को अदालत में जेकेएलएफ कमांडर यासीन मलिक समेत जिन तीन आतंकियों को अपहर्त्ता के रूप में चिह्नित किया था, उनमें शफात शंग्लू भी शामिल है। यासीन मलिक मुख्य आरोपित है। रुबिया सईद तमिलनाडु में अपने परिवार के साथ रहती हैं। वह सीबीआई की सरकारी गवाह भी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने सोमवार को श्रीनगर के निशात पुलिस स्टेशन से शंग्लू को हिरासत में लिया है। वह श्रीनगर में डाउन टाउन के हवल का रहने वाला है और कुछ वर्ष से इशखर निशात क्षेत्र में रह रहा था। यासीन के करीबी रहे शंग्लू की रुबिया के अपहरण में अहम भूमिका थी। इस रुबिया के बदले पांच आतंकी कमांडरों को किया गया था रिहा
घटना वाले दिन रुबिया सईद श्रीनगर के लालदेद अस्पताल से घर जा रही थी। रास्ते में एक जगह आतंकियों ने उसे मिनीबस से उतारकर अगवा कर लिया था। उसकी रिहाई के बदले तत्कालीन केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ के पांच कमांडरों हमीद शेख, शेर खान, नूर मोहम्मद कलवाल, जावेद जरगर और अल्ताफ अहमद को छोड़ा था। उस समय वीपी सिंह प्रधानमंत्री और जम्मू-कश्मीर में डॉ. फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे।
मामले में जम्मू स्थित टाडा अदालत यासीन मलिक समेत लगभग दो दर्जन आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर चुकी है।
इनमें मोहम्मद रफीक डार और मुश्ताक अहमद लोन की मौत हो चुकी है। यासीन मलिक टेरर फंडिंग व अन्य आतंकी मामलों में तिहाड़ जेल में बंद है।
