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26 ई-कॉमर्स कंपनियां डार्क पैटर्न से मुक्त
नई दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को कहा कि देश की 26 प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनियां डार्क पैटर्न का इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। इन कंपनियों ने सरकार से कहा है कि उनके प्लेटफार्मों पर भ्रामक दावों और अनुचित व्यापार प्रथाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। केंद्र सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर डार्क पैटर्न के उल्लंघन पर कड़ी नजर रख रही है। सरकार ने कहा है कि वह उपभोक्ता हितों की रक्षा के लिए ऐसी प्रथाओं के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि 26 प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों ने डार्क पैटर्न के रोकथाम और विनियमन के नियमन में डार्क पैटर्न के लिए दिशा-निर्देशों के पालन की पुष्टि करते हुए, स्वैच्छिक घोषणा पत्र पेश किए हैं। इन ई-कॉमर्स कंपनियों ने डार्क पैटर्न की पहचान, मूल्यांकन और समाप्ति के लिए स्वयं आंतरिक ऑडिट या तीसरे पक्ष से ऑडिट कराया है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने इसी वर्ष जून में सभी ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और सेवाप्रदाताओं को तीन महीने में डार्क पैटर्न को पता लगाने और उन्हें समाप्त करने को लेकर एक एडवाइजरी जारी की थी। सीसीपीए ने अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों से भी डार्क पैटर्न हटाने को कहा है।
इन कंपनियों ने की घोषणा: फर्म इंक, जेपी मार्केटप्लेस, फ्लिपकार्ट, क्या है डार्क पैटर्न
डार्क पैटर्न डिजाइन और विकल्प आर्किटेक्चर का उपयोग करके उपभोक्ताओं को धोखा देना, मजबूर करना या प्रभावित करना शामिल है। इससे ऐसे विकल्प चुनते हैं जो उनके सर्वोत्तम हित में नहीं होते। इनमें हिडेन प्राइसिंग, छिपा हुआ विज्ञापन, बास्केट-एड-स्विच और झूठी तात्कालिकता जैसी कई हेरफेर करने वाली प्रथाएं शामिल हैं।
इंटरनेट, मित्रा, डिजाइन, वालमार्ट इंडिया, मेक माय ट्रिप, बिगबास्केट, जियोमार्ट, जोमैटो, स्विगी, ब्लिकिंट, पेज इंडस्ट्रीज, विलियम पेन, चिल्डरयड, रिलायंस ज्वैल्स, रिलायंस डिजिटल, नेटमेड्स, टाटा एएमजी, मोशो, इक्समो, मिलेनियल, हेमलेज, आजियो, तिरा ब्यूटी, डुरोफ्लेक्स और वेस्टर्न इंडिया शामिल हैं।
