Near Janipur Thana, Phulwari Sharif, Patna
बिहार में सत्ता की जंग में 72 करोड़ खर्च कर नेताओं ने भरी तीन हजार घंटे की उड़ान
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार रविवार शाम पांच बजे धम गया। साथ ही पिछले 24 दिनों से लगातार उड़ान भर रहे राजनीतिक दलों के उड़नखटोले बनी हेलीकाप्टरों को रफ्तार भी थम गई। राज्य का आसमान अब तक नेताओं के हेलीकाप्टरों की गड़गड़ाहट से गूंज रहा था, जो शांत हो गया है। 11 नवंबर को 122 सीटों पर मतदान होना है। राजनीतिक दलों ने सता की कुर्सी तक पहुंचने के लिए इस चार प्रचार में आसमान की भी रणक्षेत्र बना दिया था। आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए और महागठबंधन समेत अन्य दलों ने कुल मिलाकर 72 करोड़ रुपये से अधिक खर्च उड़नखटोले पर कर दिए। पटना एयरपोर्ट से 16 अक्टूबर के बाद से हेलीकाप्टरों की उड़ानों में भारी बढ़ोतरी हुई थी।
हर दिन 25 हेलीकाप्टरों ने भरी उड़ान चुनावी प्रचार के वैरान प्रतिदिन औसतन 25 हेलीकाप्टर पटना एयरपोर्ट से उड़ान भरते रहे। जमीन पर जनसभाओं की गुंज थी तो आसमान में नेताओं के पैरे का गैर। 10 अक्टूबर से ही उड़ानें शुरू हो गई थीं, लेकिन 16 अक्टूबर के बाद संख्या कई गुनी बढ़ गई। ग्लोबल फ्लाइट एविएशन सर्विसेज (पटना एयरपोर्ट पर हेलीकाप्टर और चौपर की ग्राउंड हैंडलिंग का कार्य देखने वाली एजेंसी) के अनुसार, अब तक 600 से अधिक हेलीकाप्टर और 40 चौपर यहां से उड़ान भर चुके हैं। लैंडिंग और डिपार्चर दोनों मिलाकर यह आंकड़ा 1,200 हेलीकाप्टर और 80 चौपर मूवमेंट से पार कर गया।
एक हेलीकाप्टर पर रोजाना 12 लाख रुपये का खर्च
हेलीकाप्टर संचालन में भी खर्च किसी जमीनी रैली से कम नहीं रहा। एक हेलीकाप्टर पर प्रतिदिन जीएसटी समेत लगभग 12 लाख रुपये खर्च हुए। औसतन प्रत्येक हेलीकाप्टर ने प्रतिदिन चार से पांच घंटे उड़ान भरी। कुल मिलाकर यह तीन हजार घंटे से अधिक की हवाई उड़ाने रहीं।
