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जीडीपी अनुमान के लिए वित्त वर्ष 2022-23 होगा नया आधार
नई दिल्ली : भारत एक महत्वपूर्ण आर्थिक सांख्यिकी के सुधार के दौर से गुज़र रहा है। इसका कारण यह है कि सरकार ने अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान के लिए वित्त वर्ष 2022-23 को नया आधार वर्ष चुनने का फैसला किया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 को नई शृंखला का आधार वर्ष मानते हुए नए अनुमान 27 फरवरी 2026 को जारी किए जाने की योजना है।
संशोधित सीरीज़ पिछले दशक में हुए अंतिम सुधार के दौरान उपलब्ध रहे नए डेटा सेट पर आधारित होगी। इनमें सक्रिय कंपनियों का एक रिफाइंड फ्रेम, विस्तृत लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) फाइलिंग, कॉरपोरेट वार्षिक रिटर्न से जुड़ी जानकारी और गैर-कॉरपोरेटेड उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण शामिल हैं। ये नए इनपुट संस्थानगत क्षेत्रों में, विशेष रूप से निजी कंपनियों और एमएसएमई से जुड़ी गतिविधियों में अनुमान को मज़बूत करने के लिए हैं, जहाँ डेटा की कमी लंबे समय से बनी हुई है। राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी पर एक सलाहकार समिति का गठन किया गया है, जो सांख्यिकी मंत्रालय को राष्ट्रीय खातों के अनुमान में सुधार के लिए नए डेटा स्रोतों के समावेश पर सलाह देगी।
नई सीरीज़ में किए जा रहे बदलावों को लेकर मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक चर्चा पत्र भी जारी किया है और इस पर 10 दिसंबर 2025 तक सभी हित रक्षकों से प्रतिक्रिया मांगी है।
