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भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट 'विक्रम-I' तैयार, अगले साल लॉन्चिंग
हैदराबाद : देश का पहला ऑर्बिटल रॉकेट 'विक्रम-I' उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उम्मीद है कि दो महीने के भीतर यानी साल 2026 में इसके ज़रिये उपग्रहों की लॉन्चिंग की जा सकेगी। यह रॉकेट एक बार में 300 किलोग्राम वज़न तक के उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने की क्षमता रखता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस रॉकेट का अनावरण किया और कहा कि देश उपग्रह लॉन्चिंग के क्षेत्र में अपना दबदबा कायम करने के लिए तैयार है। कंपनी का दावा है कि वह हर महीने ऐसा एक ऑर्बिटल रॉकेट तैयार कर सकती है।
'विक्रम-I' रॉकेट को तैयार करने में स्काईरूट एयरोस्पेस को चार साल का वक्त लगा। इसमें एकस्थस्थ कई उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षाओं में स्थापित करने की क्षमता है। रॉकेट के कलाम 1200 बूस्टर स्टेज को भी लॉन्च किया गया है। इस बूस्टर स्टेज को उन्नत कार्बन कंपोजिट से तैयार किया गया है। गौरतलब है कि 2022 में भारत के पहले प्राइवेट 'विक्रम-एस' को लॉन्च कर कंपनी ने इतिहास रच दिया था।
ये सब-ऑर्बिटल रॉकेट था। इस रॉकेट में इस्तेमाल की गईं तकनीकें स्काईरूट के बड़े ऑर्बिटल क्लास रॉकेट, विक्रम-I, के विकास का मार्ग प्रशस्त किया। स्काईरूट एयरोस्पेस के सह संस्थापक और सीईओ नाग भारत ढाका ने बताया कि अगले दो महीने में तेज़ और ऑन-डिमांड अंतरिक्ष लॉन्चिंग सुविधा प्रदान करने के लिए कंपनी 1000 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
विक्रम-I की विशिष्टता
* स्काईरूट का विक्रम-I भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट
* उपग्रह लॉन्च की ऑन-डिमांड क्षमता यानी 24 घंटे के अंदर लॉन्चिंग संभव
* 300 किग्रा तक के मल्टीपल उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित कर सकता है
* कार्बन फ़ाइबर से बना रॉकेट, 3डी-प्रिंटेड हाइपरगॉलिक इंजन से लैस
* उन्नत कार्बन कंपोजिट से तैयार कलाम 1200 बूस्टर स्टेज का होगा इस्तेमाल
* इससे पहले कंपनी ने सब-ऑर्बिटल रॉकेट 'विक्रम-एस' की लॉन्चिंग की थी
